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#बिटिया_दिवस #कैसे_दूं_बधाई ?

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#बिटिया_दिवस  #कैसे_दूं_बधाई आज बिटिया दिवस की आज बेटियों की अस्मत लूटी जा रही है बेटी जलाई जा रही बेटीयां मारी जा रही है , जहाँ हम सभी की मानवीय संवेदनायें लगभग पूरी तरह समाप्त हो चुकी हों ऐसे मे समय बधाइयों का नही खुद के लिये शोक मनाने का है , अस्मत बेटी की नही लुटती है  हमारी लुटती है जब हम #अंधभक्ति में इतना खो जाते है कि नजरो के सामने महिला समाज पर होने वाले जुल्म के विरुद्ध आवाज उठाने सत्ताधारियों से सवाल करने इंसाफ के लिये लड़ने की बजाय जब "मौन साध लेते हैं" कारण सिर्फ अंधभक्ति "जिसे खुद से चुना उसे गलत कैसे स्वीकार करें?" अपनी अंतर आत्मा को मारकर कब तक जियोगे  आज बिटिया दिवस पर प्रण लीजिये अपनी अंतर आत्मा को जगाते हुए जुल्म के विरुद्ध चुप नही रहेंगे  तभी मारी गयी बेटियों को सही मायने में श्रद्धांजलि होगी व बिटिया दिवस साकार होगा

ऐसा क्यों कर रहा है मीडिया - गौरव जैन

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मीडिया कुछ गलत कर रहा है यह सुप्रीम कोर्ट के सवाल ने स्पष्ट कर दिया है -गौरव जैन                 आज यह बहुत बड़ा सवाल बनकर खड़ा हो गया है कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा स्पष्ट टिप्पणी के पश्चात यह पूरी तरह सबित हो गया है की मीडिया आज कुछ तो गलत कर रहा है?  बहुत से बुद्धिजीवी पत्रकारों ने बहुत से राजनीतिक व्यक्तियों ने अलग-अलग तरीके से मीडिया को कटघरे में खड़ा किया है किसी का कहना है कि मीडिया सांप्रदायिक हो चुका है किसी का कहना है कि मीडिया सत्ता के दबाव में काम कर रहा है किसी का कहना है कि एक दल विशेष को लाभ पहुंचाने के लिए आज मीडिया ने सांप्रदायिकता की दीवार खड़ी करने का काम किया हैं परंतु आज जब सुप्रीम कोर्ट के द्वारा मीडिया पर टिप्पणी की गई वह टिप्पणी इस प्रकार की थी कि अलग-अलग लोगों द्वारा उठाए गए सवाल आज सही साबित होते नजर आए अब सवाल यह उठता है कि मीडिया ऐसा क्यों कर रहा है क्योंकि मीडिया में कोई एंकर गली मोहल्ले से उठाकर नहीं बना दिया जाता बकायदा पढ़ाई करता है ट्रेनिंग लेता है तब जाकर कहीं उसे किसी चैनल पर मौका मिलता है मतलब यह...